प्रोवेदिक शुद्ध घी

प्रोवेदिक शुद्ध घी

प्राकृतिक, पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक, गुणकारी,
प्रोवेदिक शुद्ध घी का सेवन करतेकृष्ण मुरारी,
तनिक देखें ध्यान से, हैं विशेषताऐं कितनी सारी,
अपनाऐं उत्तम घृत, मिल कर, हम सब नर नारी।

जी हाँ, प्रोवेदिक शुद्ध घी, गौ माता के प्राकृतिक शुद्ध, पोषक दूध से बनाया जा रहा है । इन गायो के आहार और विहार का विशेष ध्यान रखा जाता है। यही कारण है कि दूध शुद्ध व सर्व पौष्टिक गुणों से संपन्न है, जो कि वर्तमान दूषित वातावरण में संजीवनी का काम करता है । इस शुद्ध पौष्टिक दूध का उपयोग प्रोवेदिक घी के निर्माण में हर कदम पर सावधानी बरतते हुऐ किया गया है, जिससे घी में सब पौष्टिक तत्व उपस्थित व सुरक्षित रहते हैं ।

घृत को मानव स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अमृत माना गया है । घृतामृत का सेवन प्रत्येक मानव के पोषण के लिऐ अनिवार्य है । जबकि, आजकल लोगों की धारणा है कि धृत सेवन से मुटापे में वृद्धि होती है, और इसी कारण, बहुत लोग धी के सेवन से कतराने लगे हैं । यह धारणा कतई सही नहीं है। सही मात्रा में घी का सेवन शरीर के पोषण में विशेष महत्वकारी होता है । शुद्ध घी अमृत के अनुरूप शरीर का विकास करता है, रक्त शुद्धि करता है, बल बुद्धि दायक है, पौष्टिक व पाचक होता हैएवं रोग विरोधक क्षमता को शरीर में बढ़ाता है । कितने ही रोगों में शुद्ध घी औषधि का काम भी करताहै । जिस प्रकार माँ का दूध नवजात शिशु के पोषण के लिऐ अनिवार्य है, उसी रूप से शुद्ध घी का सेवन मानव शरीर के विकास एवं संचालन के लिऐ प्राथमिकता रखता है व स्वास्थ्य संरक्षण करता है । प्रोवेदिक घी का निर्माण करते समय इसी कारण, उसकी शुद्धता व पौष्टिकता को बनाऐ रखने पर विशेष ध्यान रखा गया है । वास्तव में प्रोवेदिक घी, घृतामृत ही है ।

किसी भी वेदिक विधि विधान से किऐ गये पूजन के उपरांत इष्ट देव को पंचामृत का भोग लगता है, जिसमें घी, दूध, दही, शहद, व चीनी डाली जाती है । देवताओं को भी घी विशेष रूप से प्रिय है । शुद्ध घी के दीपक जलने से, माना जाता है, न केवल रौशनी होती वरन् वातावरण का शुद्धिकरण भी होता है । हवन करते समय, घृत आहुतियाँ अग्निदेव को समर्पित की जातीं हैं, उसमें भी शुद्ध घी का उपयोग किया जाता है, जिसका भक्षण अग्निदेव सहर्ष भड़क भड़क कर करते हैं । शुद्ध घी का पंचामृतों में भी प्रमुख स्थान है, और वेदिक काल से ही महत्वपूर्ण रहा है । देव प्रसाद व ब्राह्मणों के सात्विक भोजन के बनाने में शुद्ध घी का उपयोग चिरकाल से होता आया है, आज भी होता है । शुद्ध घी में पकाया भोजन स्वादिष्ट, सुगंधित, सात्विक, पौष्टिक व स्वच्छ माना गया है । इसी कारण यह देवप्रिय होता है । प्रोवेदिक घी इन सभी गुणों से संपन्न है, मानव के मानसिक और शारीरक उत्थान के लिऐ अति गुणकारी व लाभदायक है । यह देव प्रिय ही नहीं लोक प्रिय भी है ।

माँसाहारी जन भी शुद्ध घृत में पके हुऐ माँस को रूचिकर मानते हैं । उनकी हाँडी में भी शुद्ध घी का सेवन उनको अति प्रिय है। भोजन के पौष्टिक तत्व में शुद्ध घी के सेवन से वृद्धि होती है, घी की सुगंध मनोहारी है, घी का स्वाद मन भाता है, और घी में भुना माँसाहार जीभ में पानी लाता है । साथ में अच्छे घी में बने पराँठे तो सोने पर सुहागा का काम करते हैं।

हर रसोई घर जहाँ प्रोवेदिक शुद्ध घी का उपयोग किया जाता है, वहाँ भोजन कर्ताओ का मन प्रफुल्लित रहता है । भोजन पकते समय घर भर में भीनी भीनी महक फैल जाती है । वातावरण को सुगंधित बनाती हैं । भोजन करने को मन ललचा उठता है, स्वाद चखते ही, भोजन कर्ता झूम उठता है । प्रोवेदिक घी के छौंक की बात निराली है । भले एक दाल से रोटी खाओ, लगता है, घर में बेहद खुशहाली है ।

घी बनाने के लिऐ प्रोवेदिक कायज़ेन डेरी फ़ूड वर्क्. प्रा. लिमिटेड ने, जो महेंद्रगढ़, हरयाना में स्थित हैं, बहुत ही निष्ठा पूर्वक, सर्वोत्तम, शुद्ध घी का निर्माण किया है ।गाय के दूध से घी बनाने तक की प्रक्रिया, शुद्धता का, गुणवत्ता व पौष्टिकता संजोऐ रखने का प्रयत्न करते हुऐ संपन्न करी जाती हैं। उत्कृष्ट उत्पादन के सभी पैमानों पर खरा उतर कर प्रोवेदिक घी अति सुन्दर, दानेदार, शुद्ध घी के रूप में निखर कर आता है। प्रोवेदिक घी के नाम से आकर्षक पैकिंग में विक्रेताओं तक पहुँचाया जाता है । जहाँ से उपभोक्ता आसानी से घी प्राप्त कर उपयोग में लाकर, लाभ उठा सकता है । Big Bazzar, Easyday, Spencers, Zomato and Amazon, इस प्राकृतिक आहार के प्रमुख विक्रेता हैं, इनके अतिरिक्त अन्यविक्रेता भी प्रोवेदिक शुद्ध घी बेच रहे हैं, जिससे सेवन करने के लिऐ, घी सहजता पूर्वक उपलब्ध है । प्रोवेदिक घी हर रसोई की शान है, मानव शरीर की जान है ।

प्रोवेदिक शुद्ध घी का सेवन नित्य अपनाईये, स्वस्थ, सुन्दर, सुखमय, काया पाकर, आनंदमनाईये।

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